संज्ञा :- किसी व्यक्ति , वस्तु , स्थान , गुण, भाव के नाम को संज्ञा कहते है। संज्ञा एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है, इस जगत की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है।
संज्ञा का उपयोग किसी व्यक्ति या स्थान के लिए नहीं किया जाता, बल्कि इनके “नाम ” के लिए किया जाता है । जैसे कपिल जाता है। इसमें कपिल नामक व्यक्ति संज्ञा नहीं है, जबकि उस व्यक्ति का नाम “कपिल” संज्ञा है।
उदाहरण :-
- व्यक्ति का नाम :- मोहन, सोहन, कपिल, नवीन, शंकर,
- वस्तु का नाम :- कलम, पेड़, कुर्सी, चप्पल
- गुण का नाम :- सुंदरता, ईमानदारी
- भाव का नाम :- प्रेम, क्रोध, करुणा, दया
- स्थान का नाम :- दिल्ली, जयपुर, लखनऊ,
संज्ञा के भेद
संज्ञा के पाँच भेद होते है:-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है :-
वह संज्ञा जो किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नामों का बोध कराए , व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती है।
उदाहरण :- जर्सी गाय , मुकेश कुमार, हिमालय पर्वत, दिल्ली आदि । अगर इन उदाहरणों को देखे को इसमे जर्सी गाय एक विशेष प्रकार की गाय है, हिमालय पर्वत एक विशेष पर्वत का और दिल्ली से एक खास स्थान का बोध होता है। इसलिए ये व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ है।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है :-
जिन शब्दों से एक जाति के अंतर्गत आने वाले सभी व्यक्तियों, वस्तुओ, स्थानों के नाम का बोध होता है, जातिवाचक संज्ञाएँ कहलाती है।
जैसे :- गाय, लड़का, नदी । इनमे गाय शब्द के अंतर्गत सभी गाय की जातियों को शामिल किया जाता है जैसे -देसी, विदेसी, काली, सफेद, पहाड़ी आदि क्योंकि जानवर की एक जाती है। नदी शब्द मे सभी पार्कर की नदियों का समावेश है, जैसे गंगा, यमुना, नील आदि।
नोट :- आधुनिक काल के व्याकरण के अनुसार द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं को जातिवाचक संज्ञा के अंदर ही शामिल किया जाता है।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते है :-
जिन संज्ञा से पदार्थों या व्यक्तियों के गुण, दोष, भाव, दशा का ज्ञान करवाने वाले शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते है। भाववाचक संज्ञा के शब्दों से केवल भावना का ज्ञान होता है, ये अस्पर्शी होते है।
जैसे :- क्रोध, हिंसा, प्रेम, सहानुभूति , ईमानदारी, सच्चाई, अच्छाई, बुराई, बचपन, सुख आदि।
समूहवाचक संज्ञा किसे कहते है:-
किसी समूह का बोध करने वाले शब्दों को समूहवाचक संज्ञा कहते है , जैसे :- कक्षा, संसद, भीड़, सभा, परिवार आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते है:-
किसी द्रव्य, पदार्थ, धातु तथा अधातु का ज्ञान करवाने वाले शब्दों को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।
द्रव्यवाचक संज्ञा अगणित रूप मे होती है, इन्हे ढेर के रूप मे मापी जाती है। जैसे सोना, चांदी, तेल, घी आदि ।
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