Farming in Haryana

हरियाणा की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या Farming पर निर्भर है, और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 16.9 प्रतिशत (2021-22) है। खाद्यान्न उत्पादन, जो हरियाणा के गठन के समय 25.92 लाख टन था, अब वर्ष 2020-21 में बढ़कर 195.22 लाख टन हो गया है। यह वृद्धि अधिक फसलों की बुआई और प्रमुख फसलों के उत्पादन में वृद्धि के कारण हुई है। यहाँ की प्रमुख फसलें चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का, जौ, गन्ना, कपास, दलहन, तिलहन और आलू हैं। फसलों में विविधता लाने के लिए गन्ना, कपास, तिलहन और सब्जियों जैसी नकदी फसलों की खेती पर जोर दिया जा रहा है। सूरजमुखी, सोयाबीन, मूंगफली और बागवानी को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य में गहन और विस्तृत खेती को बढ़ावा देने के प्रयास निरंतर जारी हैं, और मृदु उर्वरता को बनाए रखने के लिए ढेंचा मूंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

हरियाणा ने अपने गठन के समय से अब तक कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। कृषि अर्थव्यवस्था अब केवल निर्वाह की स्थिति से आगे बढ़कर विपुलता की ओर बढ़ चुकी है। खाद्यान्न उत्पादन में हुई वृद्धि का मुख्य कारण किसानों द्वारा तकनीक, संतुलित खाद और कीटनाशकों का उपयोग करना है, साथ ही हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित अधिक पैदावार देने वाले बीजों और आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने का योगदान भी महत्वपूर्ण है।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का क्षेत्रीय परिसर कौल, जो कैथल से लगभग 29 कि.मी. दूर स्थित है, हरित क्रांति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। यह परिसर लगभग 166 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे दो भागों में बांटा गया है। एक तरफ यहाँ कृषि महाविद्यालय है, जो युवाओं को कृषि शिक्षा में दक्ष बनाता है, और दूसरी ओर धान अनुसंधान केन्द्र है, जो धान, दलहन, तिलहन और रबी एवं खरीफ फसलों पर शोध करता है तथा किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराता है।

कृषि क्षेत्रफल में भी हरियाणा ने तेजी से प्रगति की है। चावल का क्षेत्रफल 1966-67 में 1.92 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2020-21 में 15.28 लाख हेक्टेयर हो गया। इसी प्रकार, गेहूँ का क्षेत्रफल 7.43 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 25.64 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। कुल कृषि क्षेत्रफल भी 1966-67 में 45.99 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2020-21 में 66.12 लाख हेक्टेयर हो गया है। अन्य फसलों के कृषि क्षेत्र में भी इस दौरान वृद्धि हुई है।

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